राष्ट्रीय राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्रालय ने टोल ऑपरेट ट्रांसफर मोड के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के दूसरे चरण के लिए निविदाएं आमंत्रित
ROHIT SHARMA,DELHI:- राजमार्ग के इस दूसरे चरण में एनएच 8 जो कि राजस्थान, गुजरात, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला है, को शामिल किया गया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल ऑपरेट ट्रांसफर मोड के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के दूसरे चरण के लिए निविदाएं आमंत्रित किया है। इस चरण में राष्ट्रीय राजमार्ग के आठ हिस्से शामिल है जिसका विस्तार राजस्थान, गुजरात, बिहार और पश्चिम बंगाल तक है।इस परियोजना की लंबाई 586.552 किलोमीटर है जहां इन आठ मार्गों पर 12 टोल प्लाजा पड़ते हैं। निविदा की तारीख 5 नवबर 2018 तय की गई है।
एनएचएआई के अनुमानित प्रारंभिक अनुमानित छूट मूल्य (आईईसीवी) 5362 करोड़ रुपये के हिसाब से निविदा रियायत शुल्क उद्धृत करना है। टोल ऑपरेट ट्रांसफर मोड के दूसरे चरण में शुरुआती निर्माण लागत 929 करोड़ रुपये आएगी। इसके तहत ठेके की कुल अवधि 30 वर्ष तक होगी। यह 10 या 5 वर्षों में घट और बढ़ सकता है, यह यातायात के भार पर निर्भर करता है। रियायत के लिए इस अवधि के दौरान विस्तार को बनाए रखने और संचालित करने की आवश्यकता होगी। इसके लिए रियायतदाता को इस अवधि के दौरान शुल्क वसूलने का अधिकार होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग फीस नियम कायदों के तहत यह फीस वसूली जाएगी।
टोल ऑपरेट ट्रांसफर मोड के दूसरे चरण में 648 किलोमीटर के लिए इस दोबारा आमंत्रित किया जा सकता है जिसे 1.5 गुने यानी 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 6258 करोड़ रुपये होगा। निविदा की अधिकतम सीमा करीब 1.5 बिलियन डॉलर यानी 9681 करोड़ रुपये होगी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल ऑपरेट ट्रांसफर मोड के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के दूसरे चरण के लिए निविदाएं आमंत्रित किया है। इस चरण में राष्ट्रीय राजमार्ग के आठ हिस्से शामिल है जिसका विस्तार राजस्थान, गुजरात, बिहार और पश्चिम बंगाल तक है।इस परियोजना की लंबाई 586.552 किलोमीटर है जहां इन आठ मार्गों पर 12 टोल प्लाजा पड़ते हैं। निविदा की तारीख 5 नवबर 2018 तय की गई है।
एनएचएआई के अनुमानित प्रारंभिक अनुमानित छूट मूल्य (आईईसीवी) 5362 करोड़ रुपये के हिसाब से निविदा रियायत शुल्क उद्धृत करना है। टोल ऑपरेट ट्रांसफर मोड के दूसरे चरण में शुरुआती निर्माण लागत 929 करोड़ रुपये आएगी। इसके तहत ठेके की कुल अवधि 30 वर्ष तक होगी। यह 10 या 5 वर्षों में घट और बढ़ सकता है, यह यातायात के भार पर निर्भर करता है। रियायत के लिए इस अवधि के दौरान विस्तार को बनाए रखने और संचालित करने की आवश्यकता होगी। इसके लिए रियायतदाता को इस अवधि के दौरान शुल्क वसूलने का अधिकार होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग फीस नियम कायदों के तहत यह फीस वसूली जाएगी।
टोल ऑपरेट ट्रांसफर मोड के दूसरे चरण में 648 किलोमीटर के लिए इस दोबारा आमंत्रित किया जा सकता है जिसे 1.5 गुने यानी 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 6258 करोड़ रुपये होगा। निविदा की अधिकतम सीमा करीब 1.5 बिलियन डॉलर यानी 9681 करोड़ रुपये होगी।
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