DELHI NEWS - दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के व्यवहार से दिल्ली की जनता शर्मिन्दा हुई है दिल्ली के मुख्य सचिव पर हमला करने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये मुख्यमंत्री को पार्टी के किसी अन्य सहयोगी को अपने पद का प्रभार उस समय तक के लिये सौंप देना चाहिये जब तक कि न्यायालय इस मामले में फैसला नहीं सुना देता है - मनोज तिवारी
ROHIT SHARMA :- नई दिल्ली दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में आज का दिन अत्यन्त शर्मनाक और भूलने योग्य है जब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ दुव्र्यवहार करने के मामले में आपराधिक षडयंत्र रचने का आरोप लगाया गया है।
श्री तिवारी ने कहा है कि यह अकेला ऐसा मामला होगा जिसमें पुलिस ने गहन जांच के बाद ही न्यायालय में पदासीन मुख्यमंत्री के विरूद्ध आपराधिक षडयंत्र करने का अरोप पत्र दाखिल किया गया हो।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के व्यवहार से दिल्ली की जनता शर्मिन्दा हुई है। दिल्ली के मुख्य सचिव पर हमला करने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये मुख्यमंत्री को पार्टी के किसी अन्य सहयोगी को अपने पद का प्रभार उस समय तक के लिये सौंप देना चाहिये जब तक कि न्यायालय इस मामले में फैसला नहीं सुना देता है।
हमने आरोप पत्र फाइल किये जाने के बाद आम आदमी पार्टी के मंत्रियों की राजनीतिक बयानबाजी सुनी है, जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार के विरूद्ध अपशब्द का प्रयोग किया और आरोप लगाये हैं। हम उनके इस हताशा को समझ सकते हैं किन्तु जिस प्रकार उन्होंने केन्द्र के विरूद्ध अपनी उन्हीं अपशब्दों और प्रतिक्रियाओं को यह जानते हुये दोहराया है कि इस मामले में मुख्य सचिव द्वारा अपराध की शिकायत दर्ज कराई गई थी और स्वयं मुख्यमंत्री के सलाहकार भी उसमें गवाह हैं। यह शिकायत किसी राजनीतिक विरोधी द्वारा नहीं की गई थी। अब समय आ गया है कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व को यह समझना होगा कि दिल्ली के लोग उनकी अकर्मण्यता और अरोप-प्रत्यारोप की राजनीतिक से तंग आ चुके हैं। अच्छा होगा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के विकास पर ध्यान दे न कि ओछी राजनीति करने पर।
श्री तिवारी ने कहा है कि यह अकेला ऐसा मामला होगा जिसमें पुलिस ने गहन जांच के बाद ही न्यायालय में पदासीन मुख्यमंत्री के विरूद्ध आपराधिक षडयंत्र करने का अरोप पत्र दाखिल किया गया हो।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के व्यवहार से दिल्ली की जनता शर्मिन्दा हुई है। दिल्ली के मुख्य सचिव पर हमला करने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये मुख्यमंत्री को पार्टी के किसी अन्य सहयोगी को अपने पद का प्रभार उस समय तक के लिये सौंप देना चाहिये जब तक कि न्यायालय इस मामले में फैसला नहीं सुना देता है।
हमने आरोप पत्र फाइल किये जाने के बाद आम आदमी पार्टी के मंत्रियों की राजनीतिक बयानबाजी सुनी है, जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार के विरूद्ध अपशब्द का प्रयोग किया और आरोप लगाये हैं। हम उनके इस हताशा को समझ सकते हैं किन्तु जिस प्रकार उन्होंने केन्द्र के विरूद्ध अपनी उन्हीं अपशब्दों और प्रतिक्रियाओं को यह जानते हुये दोहराया है कि इस मामले में मुख्य सचिव द्वारा अपराध की शिकायत दर्ज कराई गई थी और स्वयं मुख्यमंत्री के सलाहकार भी उसमें गवाह हैं। यह शिकायत किसी राजनीतिक विरोधी द्वारा नहीं की गई थी। अब समय आ गया है कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व को यह समझना होगा कि दिल्ली के लोग उनकी अकर्मण्यता और अरोप-प्रत्यारोप की राजनीतिक से तंग आ चुके हैं। अच्छा होगा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के विकास पर ध्यान दे न कि ओछी राजनीति करने पर।
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