दिल्ली में विकास कार्य एवं लोक कल्याण कार्य तो पहले ही ठप्प थे और बच्चों की मृत्यु की इस दुखद घटना के बाद तो अरिवंद केजरीवाल सरकार को बर्खास्त किया जाना उचित होगा - मनोज तिवारी

ROHIT SHARMA :-  दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी एवं सांसद श्री महेश गिरी ने आज मंडावली की साकेत गली में भूख से मृत तीन बच्चों की माँ से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी और भारतीय जनता पार्टी की ओर से नकद अंतरिम राहत के साथ ही कुल 50 हजार की सहायता राशि की घोषणा की। भाजपा ने मांग की है कि दिल्ली सरकार अविलम्ब दिल्ली के सभी क्षेत्रो में सर्वे करा कर यह सुनिश्चित करे कि कहीं कोई और इस प्रकार का भूख से त्रस्त परिवार तो नहीं है ताकि ऐसी दुखद घटना फिर से न हो।
भाजपा नेताओं ने आज एक पत्रकारवार्ता में कहा कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार एक संवेदनहीन सरकार है जो केवल छलावों से जनता को गुमराह कर सत्ता में बना रहना चाहती है पर 3 बच्चों की भूख से हुई दुखद मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उनकी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में विकास कार्य एवं लोक कल्याण कार्य तो पहले ही ठप्प थे और बच्चों की मृत्यु की इस दुखद घटना के बाद तो अरिवंद केजरीवाल सरकार को बर्खास्त किया जाना उचित होगा। उन्होंने मांग की कि मंडावली मौहल्ला क्लीनिक में एक दिन पूर्व ले जाये जाने पर उन बच्चों को क्या इलाज दिया गया था जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ी, की भी जांच कराई जाये। दिल्ली सरकार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर सांसद श्री महेश गिरी ने भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को पत्र भी लिखा है।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री श्री कुलजीत सिंह चहल, उपाध्यक्ष श्री अभय वर्मा एवं श्रीमती योगिता सिंह, प्रवक्ता श्री हरीश खुराना, पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष श्री मनीष सिंह, मीडिया प्रभारी श्री प्रत्युष कंठ एवं सह-प्रभारी श्री नीलकांत बख्शी भी उपस्थित थे। 
श्री मनोज तिवारी ने कहा कि देश में राइट टू फूड का अधिकार है, जिसके अंतर्गत केन्द्र सरकार ने हर गरीब व्यक्ति को अन्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है जिसका केवल वितरण उचित पात्रों को राज्य सरकारों को करना होता है। यह अत्यन्त दुखद है कि राशन कार्ड एवं और सस्ते राशन के नाम पर राजनीति करने वाली केजरीवाल सरकार के उपमुखिया के चुनाव क्षेत्र में तीन बच्चों की भूख से मृत्यु हुई है पर उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेकर अफसोस जाहिर करने की जगह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर यह कहा कि यह परिवार तो मात्र दो दिन पहले किसी के घर मेहमान के रूप में आया था जबकि स्थानीय स्तर पर जानकारी मिली है कि यह परिवार गत अनेक वर्ष से मंडावली क्षेत्र में किराये के मकानों में रहता रहा है।     

श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने गत सप्ताह में जनता को राशन उपलब्ध कराने और गत मंगलवार को स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने एवं जन सेवा कार्यों के निपटारे को लेकर बड़े-बड़े दावे प्रस्तुत किये पर कल भूख के कारण तीन बच्चों की मृत्यु और दिल्ली के अस्पतालों द्वारा दुर्घटना में घायलों के इलाज में कोताही के समाचारों ने दिल्ली की जनता को विचलित किया है और वह इस सरकार की बर्खास्तगी चाहती है।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार दो प्रमुख दावे करती है पहला सरकारी अस्पतालांे में विश्व स्तरीय सुवधिायें देने का और दूसरा राशन कार्ड बनाने का और ये दोनों ही दावे पूरी तरह खोखले हैं। आज जब भाजपा प्रतिनिधिमंडल मंडावली में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचा तो वहां आस-पास के लगभग 30 परिवारों के लोग एकत्र हुये और उन्होंने बताया कि अथक प्रयासों के बाद भी उनको राशन कार्ड नहीं मिल पाये हैं। जब भी वह लोग राशन दफ्तर जाते हैं तो कर्मचारी वहां आसपास घूमते दलालों की ओर जाने को कहते हैं। श्री तिवारी ने कहा कि राशन कार्ड बनाने को लेकर केजरीवाल सरकार बहुत सक्रियता दिखाती रही पर वास्तविकता आज हमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के चुनाव क्षेत्र में देखने को मिली। 
सांसद श्री महेश गिरी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार एक संवेदनहीन सरकार है और उपमुख्यमंत्री द्वारा ट्वीट कर परिवार के दिल्ली में रहने के अस्तित्व को अस्वीकार करने का ¬प्रयास केजरीवाल सरकार में नैतिकता के अभाव का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि आज जब हम पीड़ित माँ से मिलने गये तो हमें वहां उपस्थित एक पड़ोसी श्री नारायण देव ने बताया कि बच्चों को एक दिन पूर्व तबियत बिगड़ने पर बहुत निकट स्थित मौहल्ला क्लीनिक भी लेकर गये थे। वहां उपस्थित स्वास्थ्य कर्मी ने कुछ दवायें दीं जिनके बाद बच्चों का स्वास्थ्य और बिगड़ गया, उन्हें उल्टियां, दस्त प्रारम्भ हो गये।
उन्होंने कहा कि मौहल्ला क्लीनिक हों या दिल्ली सरकार के छोटे बड़े अस्पताल, सभी के कार्यकलाप विवादित हैं, सरकार का हाल ही का निर्णय कि सरकारी अस्पतालों में उन लोगों को निःशुल्क इलाज नहीं मिलेगा जिनके पास दिल्ली का नागरिक होने का प्रमाण पत्र नहीं होगा, पूरी तरह संवेदनहीन है। 
श्री तिवारी एवं श्री महेश गिरी ने मांग की है कि मंडावली मौहल्ला क्लीनिक में बच्चों को क्या दवायें दी गईं और वहां स्वास्थ्य कर्मी ने यह ध्यान क्यूं नहीं दिया कि बच्चों ने कुछ खाया है या नहीं, इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाये। 
भाजपा नेताओं ने कहा कि अस्पतालों में दिल्ली से बाहर से लोगों के निःशुल्क इलाज पर प्रतिबंध लगाते हुये सरकार ने यह भी ध्यान नहीं रखा कि दिल्ली में लाखों ऐसे मजदूर काम करते हैं जो यहां स्थाई रूप से रहते हैं पर उनके पास फिर भी दिल्ली में रहने का कोई प्रमाण पत्र नहीं है। इसके अलावा रोजाना आस-पास के क्षेत्रों से 4 से 5 लाख लोग दिल्ली में छोटी-छोटी नौकरियों के लिए आते हैं और अचानक हुई दुर्घटना व अस्वस्थ्यता के चलते क्या उन्हें इलाज कराने के लिए आपात स्थिति में पहले उन्हें गृह क्षेत्र ले जाना पड़ेगा ?
उन्होंने कहा कि इसी तरह सरकारी कार्यालयों में जन सेवा कार्यों के निपटारे में पारदर्शिता लाने के लिए केजरीवाल सरकार बड़े-बड़े दावे करती है जो पूरी तरह खोखले हैं जिसका एक प्रमाण आज हमनें उपमुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र मंडावली में देखा जब गरीब परिवारों ने खुलकर कहा कि पैसा न दे पाने के कारण उनके राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं तो वहीं गत सप्ताह जब मुख्यमंत्री ने बुराड़ी ट्रांस्पोर्ट अथार्टी का निरीक्षण किया तो वहां भी दलालों की सक्रियता सामने आई।

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