टेक्सप्रोसिल ने जीएसटी काउंसिल द्वारा कपड़ों पर संचित इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस करने के फैसले का स्वागत किया कपड़ों की कीमत घटेगी, फलस्वरूप निर्यात बाजार में सिले-सिलाए और परिधान प्रतिस्पर्धी बनेंगे

ROHIT SHARMA ,नई दिल्ली 27 जुलाई 2018:-   जीएसटी काउंसिल द्वारा 21 जुलाई 2018 को इसकी 28वीं बैठक में अनेक फैसले किए गए। कॉटन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशनकाउंसिल (टेक्सप्रोसिल) के चेयरमैन, श्री उज्ज्वल लाहोटी ने कहा कि, "जीएसटी काउंसिल द्वारा किए गए फैसले सही दिशा में हैं जिनसे कपड़ा उद्योग के विकास को बढ़ावामिलेगा।" जीएसटी काउंसिल द्वारा किया गया एक अति महत्वपूर्ण फैसला है कपड़ा निर्माताओं को प्रतिलोमित शुल्क संरचना (इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर) के कारण संचितइनपुट टैक्स क्रेडिट की वापसी। इस विषय में श्री लाहोटी ने कहा कि, ”इस सुविधा से निश्चित तौर पर कपड़ों की कीमतों में कमी आएगी जिसके फलस्वरूप निर्यात बाजार मेंसिले-सिलाए कपड़े और परिधान प्रतिस्पर्धी बनेंगे।“ टेक्सप्रोसिल ने माननीय केन्द्रीय कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, माननीय केन्द्रीय रेल, कोयला, वित्त एवंकॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल को इस अति महत्वपूर्ण फैसले के लिए धन्यवाद दिया। इस फैसले से कपड़ा उद्योग की वृद्धि एवं विकास में काफी मदद मिलेगी औरभारत कपड़ों के लिए एक वैश्विक व्यापार केन्द्र बनेगा।
जीएसटी काउंसिल ने मखमल के कपड़ों, हस्तनिर्मित फीतों (लेस), हाथ से बुने कामदार कपडों, हस्तनिर्मित चुन्नट, और थान में अलंकारिक छँटाई, हस्तनिर्मित कालीन औरअन्य कपड़े की हस्तनिर्मित कालीनों आदि जैसे कतिपय कपड़ों पर जीसटी की दरों को 12 % से घटाकर  5 % कर दिया है। श्री लाहोटी के अनुसार जीएसटी की दरों में कटौती सेएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि इन उत्पादों का निर्माण मुख्यतः इसी उद्योग में होता है।
जीएसटी काउंसिल ने तिमाही रिटर्न जमा करने के लिए सालाना बिक्री की सीमा 1.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करते हुए 93 % कर निर्धारितियों के लिए टैक्सफाइलिंग सरल कर दिया है। लिए गए कुछ फैसलों से प्रक्रिया सरल होगी। एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह किया गया कि सितम्बर 2019 तक रिवर्स चार्ज व्यवस्था को स्थगितकर दिया गया है। श्री उज्ज्वल लाहोटी ने दरों में कमी करने और अनुपालन की सहजता की समग्र दिशा के लिए जीएसटी काउंसिल को बधाई दी है।
किन्तु श्री लाहोटी ने कुछ ऐसे क्षेत्रों पर भी ध्यान दिलाया है जिनका समाधान जरूरी है। इनमें निर्यातों पर पूँजीगत मालों से संबंधित इनपुट टैक्स क्रेडिट की वापसी, डीम्डनिर्यातों के तहत घरेलू अधिप्राप्तियों के मामले में निर्यातों पर आइजीएसटी का भुगतान, निर्यातों पर पारगमन (ट्रंजिशनल) क्रेडिट का रिफंड होना आदि सम्मिलित हैं।टेक्सप्रोसिल के चेयरमैन ने कहा कि अगर इन समस्याओं का भी समाधान हो जाता है, तो कपड़ा उद्योग की अनेक समस्याओं का समाधान हो जाएगा

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