केजरीवाल सरकार एक विजनलेस सरकार
ROHIT SHARMA :- दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा है कि अरविन्द केजरीवाल सरकार एक विजनलेस सरकार है जिसने जनता को पूरी तरह निराश किया है। दिल्ली की जनता ने देखा है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने कम संसाधनों के बावजूद भी दिल्ली के विकास पर ध्यान दिया पर अरविन्द केजरीवाल सरकार एक ऐसी सरकार है जिसके संसाधन लगातार बढ़ रहे हैं पर दिल्ली का विकास तो ठप्प है ही वहीं बिजली-पानी की कमी से भी दिल्ली की जनता त्रस्त है।
आज एक पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुये श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता पानी एवं बिजली की कमी से त्रस्त है और सरकार राजनीतिक प्रपंचों में व्यस्त है। दिल्ली जल बोर्ड से एक आर.टी.आई. एक्टीविस्ट श्री संजीव कुमार को मिले जवाब से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली को गत तीन वर्ष में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से मिलने वाली कच्चे पानी की सप्लाई निरंतर बढ़ रही है। वर्तमान वर्ष के पहले चार महीनों में तो इस सप्लाई में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है फिर भी दिल्ली की जनता जनवरी, 2018 से पानी की भारी कमी से जूझ रही है।
श्री तिवारी ने कहा कि बवाना, हैदरपुर एवं इरादत नगर स्थित दिल्ली जल बोर्ड के प्लांटों को जहां 2014 में हरियाणा सरकार से 4,64,607 मिलियन लीटर पानी मिला था वहीं 2017 में यह बढ़कर 5,57,672 मिलियन लीटर हो गया और वर्तमान वर्ष के पहले चार महीनों में तो दिल्ली को 1,59,294 मिलियन लीटर पानी मिला।
इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार से 2014 मंे 58,79,520 टी.सी.एफ. कच्चा पानी मिला तो 2017 में 61,68,960 टी.सी.एफ. कच्चा पानी मिला और इस वर्ष के पहले चार महीनों में तो 15,61,179 टी.सी.एफ. कच्चा पानी मिला है।
इसके अतिरिक्त दिल्ली को उत्तराखंड से भी पानी मिलता है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज दिल्ली में जो पानी की कमी है वह केजरीवाल सरकार द्वारा भूजल माफिया एवं टैंकर माफिया के साथ मिलकर कृत्रिम रूप से पैदा की गई, यदि केजरीवाल सरकार हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड से प्राप्त कच्चे पानी को सही तरीके से शोधित कर एक समर प्लान बनाकर वितरित करने की योजना बनाये तो दिल्ली के हर घर को नियमित एवं पूरा पानी मिल सकता है।
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श्री मनोज तिवारी ने कहा कि इसी तरह दिल्ली के लिए पावर ग्रिड में पूरी बिजली उपलब्ध है मगर केजरीवाल सरकार निजी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके द्वारा की जा रही कृत्रिम बिजली कटौती पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। असल में बिजली कम्पनियां पीक आवर में बिजली खरीदने में कमी करती है जिसके चलते बिजली कटौती होती है। पीक आवर में ग्रिड बिजली थोड़ी मंहगी होती है और बिजली कम्पनियां अपना लाभ बनाये रखने के लिए बिजली कम खरीदती हैं।
इसी तरह दिल्ली सरकार स्वयं मानती है कि उसका राजस्व लगातार बढ़ रहा है और उसे प्रदूषण मद में भी भारी सेस मिल रहा है पर केजरीवाल सरकार दिल्ली की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सार्वजनिक परिवहन व्यवस्थाओं में सुधार में अक्षम रही है।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में आज जो दुर्दशा की स्थिति है उसका मूल कारण है कि अरविन्द केजरीवाल सरकार एक विजनलेस सरकार है जो केवल राजनीतिक प्रपंचों में दिल्ली का समय बर्बाद कर रही है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता से जनता की निराशा अब इस हद तक बढ़ गई है कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री श्री कुलजीत सिंह चहल द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर पर डाले एक पोल में 94 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा है कि केजरीवाल सरकार अपनी अक्षमताओं को छुपाने के लिये पूर्ण राज्य का मसला उठा रही है।
आज एक पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुये श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता पानी एवं बिजली की कमी से त्रस्त है और सरकार राजनीतिक प्रपंचों में व्यस्त है। दिल्ली जल बोर्ड से एक आर.टी.आई. एक्टीविस्ट श्री संजीव कुमार को मिले जवाब से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली को गत तीन वर्ष में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से मिलने वाली कच्चे पानी की सप्लाई निरंतर बढ़ रही है। वर्तमान वर्ष के पहले चार महीनों में तो इस सप्लाई में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है फिर भी दिल्ली की जनता जनवरी, 2018 से पानी की भारी कमी से जूझ रही है।
श्री तिवारी ने कहा कि बवाना, हैदरपुर एवं इरादत नगर स्थित दिल्ली जल बोर्ड के प्लांटों को जहां 2014 में हरियाणा सरकार से 4,64,607 मिलियन लीटर पानी मिला था वहीं 2017 में यह बढ़कर 5,57,672 मिलियन लीटर हो गया और वर्तमान वर्ष के पहले चार महीनों में तो दिल्ली को 1,59,294 मिलियन लीटर पानी मिला।
इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार से 2014 मंे 58,79,520 टी.सी.एफ. कच्चा पानी मिला तो 2017 में 61,68,960 टी.सी.एफ. कच्चा पानी मिला और इस वर्ष के पहले चार महीनों में तो 15,61,179 टी.सी.एफ. कच्चा पानी मिला है।
इसके अतिरिक्त दिल्ली को उत्तराखंड से भी पानी मिलता है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज दिल्ली में जो पानी की कमी है वह केजरीवाल सरकार द्वारा भूजल माफिया एवं टैंकर माफिया के साथ मिलकर कृत्रिम रूप से पैदा की गई, यदि केजरीवाल सरकार हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड से प्राप्त कच्चे पानी को सही तरीके से शोधित कर एक समर प्लान बनाकर वितरित करने की योजना बनाये तो दिल्ली के हर घर को नियमित एवं पूरा पानी मिल सकता है।
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श्री मनोज तिवारी ने कहा कि इसी तरह दिल्ली के लिए पावर ग्रिड में पूरी बिजली उपलब्ध है मगर केजरीवाल सरकार निजी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके द्वारा की जा रही कृत्रिम बिजली कटौती पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। असल में बिजली कम्पनियां पीक आवर में बिजली खरीदने में कमी करती है जिसके चलते बिजली कटौती होती है। पीक आवर में ग्रिड बिजली थोड़ी मंहगी होती है और बिजली कम्पनियां अपना लाभ बनाये रखने के लिए बिजली कम खरीदती हैं।
इसी तरह दिल्ली सरकार स्वयं मानती है कि उसका राजस्व लगातार बढ़ रहा है और उसे प्रदूषण मद में भी भारी सेस मिल रहा है पर केजरीवाल सरकार दिल्ली की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सार्वजनिक परिवहन व्यवस्थाओं में सुधार में अक्षम रही है।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में आज जो दुर्दशा की स्थिति है उसका मूल कारण है कि अरविन्द केजरीवाल सरकार एक विजनलेस सरकार है जो केवल राजनीतिक प्रपंचों में दिल्ली का समय बर्बाद कर रही है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता से जनता की निराशा अब इस हद तक बढ़ गई है कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री श्री कुलजीत सिंह चहल द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर पर डाले एक पोल में 94 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा है कि केजरीवाल सरकार अपनी अक्षमताओं को छुपाने के लिये पूर्ण राज्य का मसला उठा रही है।
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